उच्च वोल्टेज 691.2V 120Ah लिथियम-आयन बैटरी
उत्पाद प्रपत्रउत्पादों
691.2v 120ah उच्च वोल्टेज लिथियम-आयन बैटरी | |
बैटरी सिस्टम क्षमता (किलोवाट) | 9.216* एन |
बैटरी सिस्टम वोल्टेज (वीडीसी) | 76.8* एन |
बैटरी सिस्टम क्षमता (एएच) | 120 |
बैटरी मॉड्यूल | 38.4V240AH |
बैटरी क्षमता(किलोवाट) | 9.216 |
बैटरी मॉड्यूल मात्रा. (वैकल्पिक ) | 1~9 |
बैटरी सिस्टम चार्ज अपर-वोल्टेज | 86.4* एन |
स्टैंडर्ड ऑपरेशन करंट(ए) | 120 |
सामान्य ऑपरेशन करंट(ए) | 120 |
अधिकतम. ऑपरेशन करंट(ए) | 150 |
बैटरी सिस्टम डिस्चार्ज लो-वोल्टेज | 67.2* एन |
राउंड-ट्रिप दक्षता (@0.5C-दर) | 95% |
निर्वहन की गहराई | 90% |
आयाम(डब्ल्यू* डी* एच, मिमी) | 551×732.5×2270 |
संचार | कैनबस/मोडबस आरटीयू/टीसीपी/आईपी |
वजन (किग्रा) | 95 किग्रा* एन |
ऑपरेशन लाइफ | 15+वर्ष |
प्रचालन तापमान | 10~40℃ |
भंडारण तापमान | - 20 ~ 60℃ |
नमी | 5 - 95% (संघनित किए बिना) |
ऊंचाई (एम) | |
उत्पाद प्रमाणपत्र | आईईसी62619/सीई/यूएन38 .3 |
उत्पादोंविवरणउत्पादों
उच्च ऊर्जा घनत्व:
रैक-माउंटेड हाई-वोल्टेज लिथियम बैटरियों में उच्च ऊर्जा घनत्व होता है, जिसका अर्थ है कि वे अपेक्षाकृत छोटे भौतिक स्थान में बड़ी मात्रा में ऊर्जा संग्रहीत करने में सक्षम हैं। यह इसे ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए एक कॉम्पैक्ट विकल्प बनाता है, खासकर सीमित स्थान में
customizability:
रैक-माउंटेड हाई-वोल्टेज लिथियम बैटरियों को विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। आप अपने विशिष्ट एप्लिकेशन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैटरी क्षमता, वोल्टेज और अन्य मापदंडों का चयन कर सकते हैं।
हाई-वोल्टेज डिज़ाइन:
उच्च-वोल्टेज लिथियम बैटरियों में आमतौर पर उच्च वोल्टेज होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे उच्च वोल्टेज पर काम कर सकते हैं, जिससे ट्रांसमिशन हानि कम हो सकती है। यह उन अनुप्रयोगों के लिए फायदेमंद है जिनके लिए ऊर्जा स्रोत से दूर लंबी दूरी तक ऊर्जा परिवहन की आवश्यकता होती है।
विश्वसनीयता:
विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में इसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई सुरक्षा उपाय अपनाए जाते हैं। इसमें ओवरचार्ज, ओवर-डिस्चार्ज, ओवर-तापमान, शॉर्ट-सर्किट और अन्य सुरक्षा कार्य शामिल हैं।
सतत ऊर्जा एकीकरण: अस्थिर ऊर्जा आपूर्ति को संग्रहीत और संतुलित करने के लिए रैक-माउंटेड हाई-वोल्टेज लिथियम बैटरियों को नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों (सौर, पवन, आदि) के साथ एकीकृत किया जा सकता है, जिससे अधिक टिकाऊ ऊर्जा उपयोग प्राप्त किया जा सकता है।